फिर नया सूरज उगेगा – कल्पना मिश्रा
2021-05-09
फिर नया सूरज उगेगा फिर नया सूरज उगेगा तिमिर का कण-कण छंटेगा है अटल विश्वास। चल रहा है चाल उलटी वक़्त ने करवट है बदली आंसुओं का बह रहा जो हर तरफ सैलाब। हौसलों से यह थमेगा है अटल विश्वास। कितने दुःख और आपदा का सामना हमने किया है किन्तुKnow More