पालक एक पत्तेदार सब्जी है जो अपने स्वास्थ्यकारी गुणों के कारण सारे भारत में उपयोग की जाती है|पालक में कई तरह के विटामिन्स के अलावा प्रोटीन.सोडियम,केल्सियम ,क्लोरीन और रेशा पाया जाता है|इसमें पाया जाने वाला लोह तत्व और रायबो फ्लेविन चिकित्सीय दृष्टी से महत्वपूर्ण हैं| अब हम पालक से रोगोपचार के बारे में बताएंगे —
दमा और श्वास रोग में–
पालक के एक गिलास जूस में चुटकी भर सेंधा नमक मिलाकर रोज सुबह और शाम को सेवन करने दमा और श्वास रोग में हितकर असर होता है|
निम्न रक्त चाप में लाभकारी–
निम्न रक्त चाप रोगी को प्रतिदिन पालक की सब्जी खाने से रक्त प्रवाह संतुलित करने में मदद मिलती है|
रक्ताल्पता में उपयोगी है–
रक्ताल्पता याने खून की कमी में पलक का उपयोग बेहद लाभकारी है| इसके सेवन से हेमोग्लोबिन में वृद्धि होती है| एक गिलास जूस दिन में तीन बार लेना उचित है| इसमें श्रेष्ठ किस्म का लोह तत्व होता है जो एनीमिया निवारण में सकारात्मक प्रभाव डालता है|
थायरायड रोग में हितकर है–
एक गिलास पालक के जूस में एक चम्मच शहद और चौथाई चम्मच जीरा का पावडर मिलाकर लेते रहने से थायरायड रोग में लाभ होते देखा गया है|
पथरी निष्कासन में उपयोगी है-
पालक के पत्ते का रस और नारियल पानी सामान भाग मिलकर लेते रहने से गुर्दे और मूत्र पथ की पथरी निकल जाती है|
पीलिया रोग ठीक होता है-
कच्चे पपीते के साथ पालक का रस सेवन करना पीलिया ठीक होने में सहायक है| छिलके वाली मूंग की दाल में पालक मिलाकर सब्जी बनाकर रोगी को खिलाना चाहिए|
दिल के रोग में–
ह्रदय रोगी एक गिलास पालक के जूस में २ चम्मच शहद मिलाकर पीते रहें|
कब्ज मिटाता है पालक –
पालक का जूस दिन में दो बार नियमित पीते रहने से कठिन से कठिन कब्ज का भी निवारण हो जाता है|